ख़तरनाक सुपरबग की सूची जारी

ख़तरनाक सुपरबग की सूची जारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे बैक्टीरिया की सूची तैयार की है जिन पर दवाइयों का असर नहीं हो रहा है। उन्हें मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा ख़तरा माना जा रहा है।

इस सूची में सबसे ऊपर ई। कोली की तरह ग्राम-आक्रामक दवाएँ हैं जो अस्पताल में भर्ती कमज़ोर मरीज़ों के ख़ून में जानलेवा संक्रमण या नमोनिया फैल जाती हैं।

जर्मनी में होने वाली जी -20 बैठक से पहले इस सूची पर चर्चा की जाएगी।

इसका मकसद सरकारों का ध्यान मुश्किल इलाज वाले संक्रमणों के लिए सुव्यवस्थित खोजने की ओर केंद्रित करना है।

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हवाखोरी योगी विज्ञान के लिए अबूझ पहेली

हवाख़ोर योगी विज्ञान के लिए अबूझ पहेली

वे न कुछ खाते हैं और न पीते हैं। सात दशकों से केवल हवा पर जीते हैं। गुजरात में मेहसाणा ज़िले के प्रहलाद होना एक ऐसा चमत्कार बन गए हैं, जिन्होंने विज्ञान को चौतरफा चक्कर में डाल दिया है।

भूख-प्यास से पूरी तरह मुक्त अपनी चमत्कारिक जैव ऊर्जा के बारे में प्रहलाद होना स्वयं कहते हैं कि यह तो दुर्गा माता का वरदान है: "मैं जब 12 साल का था, तब कुछ साधु मेरे पास आये। कहा, हमारे साथ चलो। लेकिन मैंने। मना कर दिया। क़रीब छह महीने बाद देवी जैसी तीन कन्याओं मेरे पास आयीं और मेरी जीभ पर उंगली रखी। तब से ले कर आज तक मुझे न तो प्यास लगती है और न ही भूख। ”

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स्मार्ट कंडोम वह बताएगा जो आप भी नहीं जानते हैं

स्मार्ट कंडोम वो बताएगा जो आप भी नहीं जानते

स्मार्ट वॉचेज़ और गूगल ग्लास के बाद पूरी दुनिया में वियरेबल टेक्नोलॉजीज को लेकर रुझान बढ़ रहा है। और अभिनयमों के बाद अब इस कड़ी में नए-नए प्रोडक्ट मार्केट में उतारे जा रहे हैं और उसी एपिसोड में एक नए प्रोडक्ट में स्मार्ट कंडोम है। इसकी बिक्री के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इस स्मार्ट कंडोम को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि ये ऐसे कई मोड़क सवालों का जवाब भी देंगे जिनके बारे में लोग अमूमन नहीं सोचते।

ब्रिटेन के एक ऑफलाइन स्टोर पर इसकी बिक्री की प्रक्रिया पंजीकरण के ज़रिए शुरू की गई है। कंपनी ने इसे बाज़ार में पेश करने का दावा 2016 में ही किया था।

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कृत्रिम अग्न्याशय उपलब्ध हो सकते हैं: वैज्ञानिक

कृत्रिम अग्न्याशय उपलब्ध हो सकते हैं : वैज्ञानिक

कृत्रिम अग्न्याशय 2018 तक उपलब्ध हो सकते हैं: वैज्ञानिक
मधुमेह के रोगियों के रक्त में ग्लूकोज का निरीक्षण करने वाले और शरीर में प्रवेश करने वाले इंसुलिन का स्तर स्वतः: ही सही करने वाले कृत्रिम अग्नाशय 2018 तक उपलब्ध हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में जो प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, वह ग्लूकोज मीटर से रीडिंग लेने के बाद डाय के रोगियों में इंसुलिन पहुंचाने का काम करती है लेकिन ये दोनों घटक अलग-अलग होते हैं।

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यदि आपका ब्लड ग्रुप नेगेटिव है, तो ...।

यदि आपका ब्लड ग्रुप नेगेटिव है, तो ....

यदि आपका ब्लड ग्रुप नेगेटिव है, तो आप इस धरती के नहीं हैं!
लोगों पर शोध करने वालों का दावा है कि सुदूर अतीत में दूसरे ग्रह से जीवों ने धरती का दौरा किया था। उन्होंने मनु संतों की बेटियों को अपना जीवनसाथी बनाकर विशालकाय लोगों को जन्म दिया था, उन्हीं के वंशज ने नेगेटिव ब्लड ग्रुप के लोग हैं। इस थ्योरी के अनुसार आरएच फेक्टरर्स के लोग मूल पृथ्वीवासी हैं जो क्रम विकास के सिद्धांत से विकसित हुए हैं लेकिन नेगेटिव ग्रुप के लोग वानर की तुलना में कुछ अन्य से विकसित हुआ समूह है।

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डीएनए की दुनिया

डीएनए की दुनिया

पहले रिश्तों की पहचान जाहिर करना तो हर कोई कर सकता था। जैसे हम अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के चेहरों में समान दिखते हैं। हेमा मालिनी और ईशा द सियोल एक जैसी दिखती हैं या शर्मिला टैगोर और सैफ अली खान की शक्लों में एक जैसी झलक है। आप में से ज्यादातर लोगों को पता होगा कि ये का आपस में एक रिश्ता है चाहे वो माँ-बेटी का हो, माँ-बेटे का या फिर बाप-बेटे का। इसीलिए उनके चेहरे एक-दूसरे से मिलते हैं।

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आराम की नींद पाने के लिये बेड़रूम में लगाएं ये पौधे

आराम की नींद पाने के लिये बेड़रूम में लगाएं ये पौधे

कई लोंगो को रात में अच्‍छी नींद नहीं आती, जिसके लिये वे दवाइयों का सेवन करना शुरु कर देते हैं। आज हम आपको ऐसे पांच पौधों के नाम बताएंगे, जिसे आप आराम से अपने बेड़रूम में लगा सकते हैं।

इन पौधों को लगाने से आपको नींद आएगी और शांति का एहसास होगा। आइये जानते हैं इनके बारे में...

एलोवेरा
कहते हैं कि एलोवेरा रात को ऑक्‍सीजन छोड़ता है जिससे नींद ना आने की बीमारी में लाभ मिलता है और नींद भी अच्‍छी क्‍वालिटी की आती है। 

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झूठ कैसे दिमाग में पनपता है

झूठ कैसे दिमाग में पनपता है

झूठ, एक असत्य कथन के रूप में दिया गया एक प्रकार का धोखा है, जो विशेष रूप से किसी को धो देने की मंशा से बोला जाता है और वरीयता: जिसका उद्देश्य होता है किसी राज् या प्रतिष्ठा को बरकरार रखना, किसी की भावनाओं की रक्षा करना। या सजा या किसी के द्वारा किए गए कार्य की प्रतिक्रिया से बचना। झूठ बोलने का तात्पर्य कुछ ऐसा कहने से होता है जो व्यक्ति जानता है कि गलत है या जिसकी सत्यता पर व्यक्ति ईमानदारी से विश्वास नहीं करता है और यह इस इरादे से कहा जाता है कि व्यक्ति उसे सत्य मानेगा। एक झूठे व्यक्ति ऐसा व्यक्ति है जो झूठ बोल रहा है, जो पहले झूठ बोल चुका है, या जो आवश्यकता ना होने पर भी आदतन झूठ बोलता रह

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क्या आप वही रंग देखते हैं जो मैं देखता हूं?

क्या आप वही रंग देखते हैं जो मैं देखता हूं?

कुछ हफ्ते पहले एक तस्वीर में ड्रेस का रंग, एक बड़ा मसाला बनकर इंटरनेट पर चर्चित होना।

कहीं भी उस ड्रेस के रंग को लेकर मत एक जैसा नहीं था। दफ्तरों में, घरों में जैसे दो ख़ेमे बन गए - एक, जिसे ड्रेस गोल्ड-वाइट दिखी और दूसरे, ड्रेस ब्लू-ब्लैक दिखी।

तो फिर से मौलिकता क्या है? एक ही तस्वीर, दो इंसानों को नंगी आंख से अलग-अलग रंग की कैसी दिख सकती है?

दिमाग पर सब निर्भर है
वास्तव में दिलचस्प बात ये जानने में है कि किसी वस्तु के रंग को लेकर हमारे दिमाग में क्या चलता है। क्या आप जानते हैं कि इसका विज्ञान क्या है?

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चिकनगुनिया वाले मच्छर की कहानी

चिकनगुनिया वाले मच्छर की कहानी

चिकनगुनिया का चिकन या मुर्गी से कोई ताल्लुक नहीं है, इस बीमारी के नाम की कहानी काफ़ी दिलचस्प है।

इस बीमारी का पता पहली बार 1952 में अफ्रीका में चला गया था। मोज़ाम्बिक और तंजानिया के सीमावर्ती मकोंडे इलाक़े में इस बीमारी ने गंभीर रूप ले लिया था।

मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी के वायरस की पहचान एक बीमार व्यक्ति के ख़ून के नमूनों से हुई थी।

मस्कडे इलाक़े में स्वाहिली भाषा बोली जाती है जिसमें चिकनगुनिया का मतलब होता है- "अकड़े हुए आदमी की बीमारी।" जिस व्यक्ति के ख़ून के नमूने से चिकनगुनिया वायरस की पहचान हुई थी, वह हड्डी के दर्द से बुरी तरह अकड़ गया था।

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आधा मस्तिष्क से भी इंसान रह सकते हैं जिंदा!

आधे मस्तिष्क से भी इन्सान रह सकते हैं ज़िंदा !

सुनकर हैरत होगी लेकिन कुछ व्यक्तियों में पाया गया कि उनके दिमाग का एक बड़ा हिस्सा ग़ायब है और उन्हें कोई ख़ास बीमारी भी नहीं है। लेकिन ऐसा क्यों?

मस्तिष्क को मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इसका भी अगर महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं हो तो क्या होगा?

टॉम स्टेफर्ड की गिरावट
पहली बात तो यह है कि हमें अपने मस्तिष्क के कितने हिस्से की मूल रूप से आवश्यकता होती है?

पिछले कुछ महीनों में आई उन ख़बरों पर नज़र दौड़ाई जाए, जिनमें व्यक्ति के दिमाग़ का बड़ा हिस्सा ग़ायब था, तो कुछ चौंकाने वाली बात सामने आती है।

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बच्चों को मंदबुद्धि बना सकती है 'प्रेम प्रेम

बच्चों को मंदबुद्धि बना सकता है 'टैबलेट प्रेम

बच्चों में एमबी और स्मार्ट फोन की बढ़ती इस्तेमाल की वजह से उनकी तकनीकी दक्षता को नुकसान पहुंच सकता है।

यह बात ऑस्ट्रेलिया की एक शैक्षणिक संस्था की रिपोर्ट में सामने आई है।

संस्था ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि वर्ष 2011 से कुछ बच्चों में आईटी साक्षरता के मामले में 'महत्वपूर्ण गिरावट' आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक-बच्चों ने स्मार्टफ़ोन और एमबी पर अलग तरह की कौशल सीखी है जोकि कार्यस्थलों पर ज़रूरत पड़ने की तकनीकी दक्षता अलग है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों में तकनीकी अध्ययन में आए बदलावों के कुछ हद तक इन गिरावटों के कारण हो सकते हैं।

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अत्यधिक सफ़ेद हो सकता है ख़तरनाक?

ज़्यादा सफ़ाई हो सकता है ख़तरनाक?

क्या आप रोज़ सुबह स्नान करते हैं या कुछ दिन के अंतराल पर? क्या आप अपनी बेडशीट हर हफ्ते बदल रहे हैं या तब तक इस्तेमाल करते हैं जब तक वह मैली न हो जाए?

आपके तौलिए कैसे हैं- नए या फिर काफ़ी पुराने? आप उन्हें हर शनिवार साफ करते हैं या फिर जब तक वे पूरी तरह से गंदे न हो जाएं?

जी हां, बात सफ़ा की हो रही है। वास्तव में हमारे साबुन बैक्टीरिया रोधी होते हैं। घरों में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर्स भी 99.9 फ़ीसदी कीटाणुओं को खत्म कर देते हैं।

आम धारणा यही है कि बैक्टीरिया, कीटाणु अच्छे नहीं होते हैं।

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मखाना खाने के जादुई प्रभाव

मखाना खाने के जादुई प्रभाव

"मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। यानी यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन काल से लेकर मृत्यु के बाद भी मखाना मिथिलांचल वासियों से जुड़ा रहता है। मंसिंग की खेती पूरे मिथिलांचल में होती है। दरभंगा में उत्पन्न होने वाला मखाना उत्तम कोटि का माना जाता है। मेज़ कमल के बीजों की लाही है। मखाना को भगवान का भोजन कहा गया। पूजा और हवन में भी यह काम आता है। इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं। क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है। आचार्य भावमिश्र (1500-1600) द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु में इसे पद्मबीजभ एवं जलय फल कहा गया है। इसके

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गुड़ खाने के लाभ

गुड़ खाने के लाभ

स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भ्रमित इस चीज़ के कई फायदे जान सकते है। ठंड के मौसम में चाहे सरलता से उपलब्ध होती है और मौसमी मिठाई हैं तो जानते हैं

गुड़ खाने के बेआह और लाभ

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर भिन्नाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी बोनस है, अगर अाप अब तक अनजान हैं तो इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से हैं, तो अब जान जानिएए गुड़ खाने के यह 24 बेहतरीन लाभ -

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